Ranbir Kapoor Alia Bhatt Baby: कपूर परिवार में गुंजी किलकारी, आलिया ने दिया बेटी को जन्म तस्वीरें हुईं वायरल बलुवाना न्यूज पंजाब Ranbir Kapoor Alia Bhatt Baby: कपूर परिवार में हुआ बेटी का जन्म, रणबीर और आलिया बने माँ-बाप आलिया भट्ट को 6 नवंबर 2022, रविवार को डिलीवरी के लिए रणबीर कपूर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. आलिया भट्ट ने अपने पहले बच्चे को जन्म दे दिया है. रणबीर कपूर और आलिया भट्ट एक बेटी के माता-पिता बन गए हैं. एक्ट्रेस की डिलवरी एच एन रिलायंस अस्पताल में हुई. आज सुबह से आलिया को अस्पताल ले जाने के बाद से परिवार और फैंस रणबीर आलिया के पहले बच्चे का काफी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. ऐसे में अब नन्ही सी परी के पैदा होते ही सोशल मीडिया पर बधाईयों का सिलसिला काफी तेज हो चुका है. राहु देगा फिल्म इंडस्ट्री में अपार शोहरत ज्योतिष के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे जन्मी आलिया की बेटी की किस्मत के सितारे बुलंद रहेंगे. आलिया की बेटी का जन्म रेवती नक्षत्र में हुआ है और राहु कन्या नवांश में हैं, वहीं शुक्र अपनी ही राशि तुला में हैं. चूंकि ग्लैमर वर्ल्ड राहु स...
कूलर में कौन सी घास प्रयोग होती है? By वनिता कासनियां पंजाब भारत मेँ कूलर के लिए फ़िलहाल तीन प्रकार के कूलिंग पेड (जालियां) इस्तेमाल हो रहीं हैं |सबसे पुरानी है - "खस" नामक घांस कि जड़ों से बनी जाली, जो कम उपलब्धता के कारण सबसे महंगी है | प्रसिद्ध "खस" का इत्र (ओरिजनल) भी इन्ही जड़ों से बनाया जाता है | कूलर में इनका उपयोग आजकल लगभग बंद हो गया है |दूसरी है - "वुड वूल" अर्थात चीड़ की वेस्टेज लकड़ी की मशीन से बनाई गई लम्बे रेशे वाली छीलन से बनी जालियां | ये काफी सस्ती होती हैं, व लगभग 70 % सस्ते व मीडियम मूल्य के कूलर्स मेँ इन्ही का उपयोग होता है |तीसरी - सबसे महंगी कागज़ की लुगदी से बनी "हनी कॉम्ब" जालियां | ये कागज़ की लुगदी में कोई सिंथेटिक पदार्थ मिला कर, फैक्ट्री में बनाई जाती हैं, ये काफी महंगी होती हैं, इसी लिए महंगे ब्रांडेड कूलर्स में ही दिखाई देते हैं |सभी चित्र गूगल से साभार
कूलर में कौन सी घास प्रयोग होती है? By वनिता कासनियां पंजाब भारत मेँ कूलर के लिए फ़िलहाल तीन प्रकार के कूलिंग पेड (जालियां) इस्तेमाल हो रहीं हैं | सबसे पुरानी है - "खस" नामक घांस कि जड़ों से बनी जाली, जो कम उपलब्धता के कारण सबसे महंगी है | प्रसिद्ध "खस" का इत्र (ओरिजनल) भी इन्ही जड़ों से बनाया जाता है | कूलर में इनका उपयोग आजकल लगभग बंद हो गया है | दूसरी है - "वुड वूल" अर्थात चीड़ की वेस्टेज लकड़ी की मशीन से बनाई गई लम्बे रेशे वाली छीलन से बनी जालियां | ये काफी सस्ती होती हैं, व लगभग 70 % सस्ते व मीडियम मूल्य के कूलर्स मेँ इन्ही का उपयोग होता है | तीसरी - सबसे महंगी कागज़ की लुगदी से बनी "हनी कॉम्ब" जालियां | ये कागज़ की लुगदी में कोई सिंथेटिक पदार्थ मिला कर, फैक्ट्री में बनाई जाती हैं, ये काफी महंगी होती हैं, इसी लिए महंगे ब्रांडेड कूलर्स में ही दिखाई देते हैं | सभी चित्र गूगल से साभार